निया नैसी, बंधी हुई और असुरक्षित, अपने धोखेबाज़ पति का सामना करती है। उसका पछतावा क्षणभंगुर हो जाता है जब वह उस पर हावी हो जाता है, जिससे उसकी बेवफाई हर पल साबित होती है। उनका आदान-प्रदान एक भावुक, तीव्र मुठभेड़ में बदल जाता है, जो एक जलवायु चेहरे में परिणत होता है।.