वर्ष 1444 में एक मासूम नौकरानी जूडिथ पर अपनी जलती मालकिन ने झूठी वासना का आरोप लगाया। उसका अपराध? उसके ढीले स्तन, सुंदरता के इस युग में एक अभिशाप। उसे कालकोठरी में तड़पाने और अपमानित करने की जगह सज़ा दी जाती है। जिज्ञासु, वासना और शक्ति का आदमी, अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए इस अवसर का उपयोग करता है। वह उसे अपने मुँह से उसे आनंद देने के लिए मजबूर करता है, एक अपमानजनक कृत्य जो उसे आँसू में छोड़ देता है। लेकिन यह तो बस शुरुआत है। इसके बाद एक क्रूर बलात्कार होता है, एक दंड जो उसे शारीरिक और भावनात्मक रूप से डरा देता है। जिरह करने वालों की वासना असंतुष्ट होती है, और वह उसे बार-बार ले जाता है, उसे अपनी इच्छा की वस्तु से ज्यादा कुछ नहीं कम करता है। यह समाज के क्रूर मानकों का शिकार जूडिथ द विच की दुखद कहानी है, जो क्रूरता और क्रूरता की इच्छाओं का एक पक्ष है। यह इच्छा, क्रूरता और इच्छा का अंधेरा है।.