एक जीवंत एनीमे श्रृंखला का दूसरा अध्याय भावुक मुठभेड़ में बदल जाता है। यह व्यक्तियों के एक समूह के इर्द-गिर्द घूमता है जो खुद को एक गर्म मुठभेड़ में पाते हैं, उनके शरीर इच्छा के नृत्य में जुड़े हुए हैं। माहौल प्रत्याशा से भरा हुआ है क्योंकि वे एक-दूसरे के शरीर का पता लगाते हैं, उनके हाथ स्वतंत्र रूप से घूमते हैं। तनाव उनके सबसे अंतरंग अंगों को उजागर करते हुए बनता है। कैमरा हर पल, हर हांफना, आनंद के हर झटकों को कैद करता है। उनके शरीर लय में चलते हैं, उनकी सांसें भारी हो जाती हैं क्योंकि वे परमानंद की चरम सीमा तक पहुंच जाते हैं। कल्पना और वास्तविकता के बीच की रेखाएं जैसे ही वे जुनून के थ्रो में खुद को खो देती हैं। यह एक ऐसी दुनिया है जहां इच्छाएं अनछुई होती हैं, जहां दरवाजे पर हिचकिचाहट छोड़ दी जाती हैं। यह सिर्फ एक कहानी नहीं है; इसका निमंत्रण जहां एक दुनिया जानती है, एक आनंद नहीं है; एक आनंद जहां वे एक दूसरे के शरीर का अन्वेषण करते हैं, अपने हाथों को स्वतंत्र रूप से घूमने देते हैं। तनाव अपने सबसे अंतरंग हिस्सों को प्रकट करते हुए, कैमरे हर पल को कैप्चर करता है, हर हांप, हर सुख के हर सिद्दर को प्रकट करता है।.