दो समलैंगिक पुरुष कामुक आत्म-आनंद में लिप्त होते हैं, उनके शरीर परमानंद में छटपटाते हैं। उनके स्ट्रोक जानबूझकर होते हैं, उनकी कराहें एक सिम्फनी होती हैं। चरमोत्कर्ष विस्फोटक होता है, जिससे वे बेदम और संतुष्ट हो जाते हैं। समलैंगिक प्रेम और आनंद का एक वसीयतनामा।.